हर दौर में हम जैसे दिवाने नहीं आते! नादान हवाओं के फ़साने नहीं आते!! हर दौर में हम जैसे दिवाने नहीं आते! नादान हवाओं के फ़साने नहीं आते!!
खाली जेब हो तो "अपने" साथ आते है खाली जेब हो तो "अपने" साथ आते है
वो बिखरी ज़ुल्फों में लिपटी सुबह की अंगड़ाई तेरी.... वो बिखरी ज़ुल्फों में लिपटी सुबह की अंगड़ाई तेरी....
तब वही प्रेमपत्र मैं तुम्हें दूँगा और इजहार-ए-मोहब्बत तुमसे करूँगा। तब वही प्रेमपत्र मैं तुम्हें दूँगा और इजहार-ए-मोहब्बत तुमसे करूँगा।
वो बिखरी ज़ुल्फों में लिपटी सुबह की अंगड़ाई तेरी ! वो बिखरी ज़ुल्फों में लिपटी सुबह की अंगड़ाई तेरी !
इस गुजरते एक साल में, तुझसे इक दफा गुफ्तगू की आस। इस गुजरते एक साल में, तुझसे इक दफा गुफ्तगू की आस।